
Patna : बिहार में खनिज संपदा की अकूत संभावनाओं के बीच जहां एक ओर सोने के खनन को मंजूरी दी गई है वहीं अब बिहार में तेल की खोज भी शुरू होगी। ऐसा लग रहा है कि मानों बिहार में आर्थिक संपदा का स्वर्णिम इतिहास फिर से दोहराने के लिये छटपटा रहा है।
प्रदेश में अब तेल भंडार की खोज की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। बिहार सरकार ने समस्तीपुर और बक्सर जिलों में गंगा के तट पर तेल भंडार की उपस्थिति का आकलन करने के लिए अन्वेषण के लिए पेट्रोलियम अन्वेषण लाइसेंस (पीईएल) की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस संबंध में बिहार की अपर मुख्य सचिव सह खान आयुक्त हरजोत कौर बम्हरा ने बताया कि ओएनजीसी लिमिटेड ने तेल की खोज और उत्पादन के लिए जीवी-ओएनएचपी-2021/1 (समस्तीपुर) और जीवी-ओएनएचपी-2021/2 (बक्सर) को मंजूरी दी है। ओपन एरिया लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) के तहत पीईएल के अनुदान के लिये आवेदन किया है।
ONGC seeks Bihar govt’s permission for oil exploration in Buxar & Samastipur https://t.co/DDTjvQmGlC
— TOI Patna (@TOIPatna) May 31, 2022
हरजोत कौर ने कहा कि समस्तीपुर (308.32 वर्ग किमी) और बक्सर (52.13 वर्ग किमी) के क्षेत्र में गंगा बेसिन में तेल भंडार की स्थिति का आकलन करने के लिए अन्वेषण की प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू की जाएगी। इस संबंध में राज्य सरकार के खान एवं भूविज्ञान विभाग ने दोनों जिलों के प्रशासनिक प्रमुखों को पहले ही सूचित कर दिया है। इसके लिए जल्द ही अन्वेषण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
ओएनजीसी ने दोनों वर्गों के लिये पीईएल के अनुदान के लिए क्षेत्र के नक्शे और सूची की प्रतियों के साथ आवेदन शुल्क का भुगतान भी किया है। इसने खान और भूविज्ञान विभाग को एक अनुरोध पत्र में कहा है कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियम, 1959 के नियम 5(1) के प्रावधानों के तहत क्षेत्र के लिए एक पीईएल दिया जा सकता है। पीईएल का इष्टतम कार्यकाल चार वर्षों का है।
पहले चरण में नवीनतम भूकंपीय डेटा रिकॉर्डिंग प्रणाली का उपयोग करके 2डी भूकंपीय सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके बाद उन्नत तकनीक का उपयोग कर भू-रासायनिक सर्वेक्षण शुरू होगा। सर्वेक्षण आने वाले दिनों में गुरुत्वाकर्षण, चुंबकीय और मैग्नेटो-टेलुरिक (एमटी) सर्वेक्षणों के साथ पूरा किया जाएगा।
सर्वेक्षण से उत्पन्न डेटा का अध्ययन या व्याख्या उन क्षेत्रों में संभावित क्षेत्रों का पता लगाने के लिए परिष्कृत सॉफ्टवेयर के साथ उच्च तकनीक वाले वर्कस्टेशन पर की जाएगी। पहले भी राज्य के कुछ हिस्सों में तेल के भंडार पाए गए थे, लेकिन कोई कारोबार नहीं हुआ।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय ने छह साल पहले बिहार के सीवान जिले में तेल और गैस के भंडार तलाशने को हरी झंडी दी थी। ओएनजीसी ने रघुनाथपुर प्रखंड में मशीनें लगाकर काम शुरू किया था। जांच के दौरान खुदाई से मिली मिट्टी और अन्य तत्वों को जांच के लिए हैदराबाद भेजा गया था।
After three central agencies have sent proposals to Bihar government for exploration of gold reserves in Jamui district, ONGC has sent an application to the state government for further exploration of oil reserves in Buxar and Samastipur districts in the Ganga basin of the state. https://t.co/Q8dKXXVPRY
— Bhartendu Bhushan (@BhartenduBhush6) May 31, 2022
पेट्रोलियम मंत्रालय के निर्देश के बाद कंपनी के इंजीनियर दिन रात तलाश में जुटे। जीपीएस सिस्टम के मानचित्र के अनुसार जिले के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में महराजगंज से लेकर दारौंदा, हसनपुरा, चैनपुर, रघुनाथपुर, दिघवालिया, तारी, शुभता, चंवर, गंभीर, पश्चिम और दक्षिण से गुजरते हुए बलिया (यूपी) तक भण्डार होने की संभावना है। इंजीनियरों के मुताबिक इस इलाके के स्थलों की जांच की जा रही है।