Business
जानिए क्या है पीएम मत्स्य संपदा योजना, सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन?
केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे पर लगातार आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए सरकार ने कई योजनाओं को किसानो के हित के लिए शुरू किया है। इसी के अंतर्गत केंद्र सरकार में मछली पालने वाले किसानों के लिए मत्स्य संपदा योजना (Matsya Sampada Scheme) की शुरुआत की जिसमें मछली पालने वाले किसानों को सरकार द्वारा फिश फार्मिंग के लिए सब्सिडी दी जाती है।
सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा पीएम मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत सितंबर 2020 में की गई थी। इस योजना में मछली पालन का व्यवसाय करने वाले किसानों को सरकार की ओर से 40 से 60 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा किसानों को इस योजना के अंतर्गत ऋण के साथ साथ मछली पालन का निशुल्क प्रशिक्षण भी केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को अपने मछली पालन के व्यवसाय को और अधिक बढ़ाने में काफी मदद मिल रही है। प्रशिक्षित होकर किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने में सक्षम हो जाते हैं और आप जितने ज्यादा क्षेत्रफल में व्यवसाय की शुरुआत करते हैं। आपको उतना ही अधिक फायदा सरकार की ओर से दिया जाता है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMSY Scheme) के अंतर्गत मछली पालने वाले किसानों को सरकार ₹3 लाख का ऋण देती है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मध्य संपदा योजना के लिए 20,050 करोड़ों रुपए का बजट बनाया है। जिसका उपयोग मछली पालने वाले किसानों और मछुआरों के हितों के लिए किया जाएगा। इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले किसानों को एक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं देने में सरकार इस फंड का इस्तेमाल करेगी।
आप को जानकारी देते चले कि, देश के बहुत से राज्यों में मछलियों की मांग बहुत अधिक है। आज के हालात के मुताबिक वहां की जरूरतें पूरी करने में मछली पालने वाले किसान असमर्थ हैं। इन्हीं बातों को सरकार ध्यान में रखते हुए मत्स्य पालन के क्षेत्र को और अधिक उन्नत और विकसित करने पर ध्यान दे रही है। इससे सरकार इस क्षेत्र में स्वरोजगार तथा रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दे रही है।
मत्स्य पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण कहां से मिलेगा?
मछली पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए किसान को सबसे पहले अपने नजदीकी मत्स्य पालन विभाग से संपर्क करना होता है। इसके अलावा अपनी सरकारी बैंक से भी इसके बारे में आवश्यक जानकारियां ले सकते हैं।
कौन कर सकता है आवेदन?
- आवेदनकर्ता को भारत का स्थाई नागरिक होना आवश्यक है।
- प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित व्यक्तियों को इस योजना के अंतर्गत वरीयता दी जाती है।
- इस योजना के अंतर्गत देश के सभी मछुआरे और मत्स्य व्यवसाय से जुड़े लोग आवेदन कर सकते हैं।
- यदि आप भी मत्स्य सम्पदा संपदा योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उसके लिए आपको भारत सरकार की मत्स्य सम्पदा संपदा योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://dof.gov.in/pmmsy पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
📣 Vaishali Se Hai is now available on Facebook & FB Group, Instagram, and Google News. Get the more latest news & stories updates, also you can join us for WhatsApp broadcast … to get updated!
Business
अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए छोड़ दी 40 लाख की नौकरी, आज 100 करोड़ की कंपनी की मालकिन हैं शैली गर्ग
अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए छोड़ दी 40 लाख की नौकरी, आज 100 करोड़ की कंपनी की मालकिन हैं शैली गर्ग

अगर इंसान को खुद के फैसले पर भरोषा हो तो उसे जीवन में सफलता जरूर मिलती है। जी हां, आज हम आपको एक ऐसे हीं महिला से रूबरू कराने वाले हैं जिन्होंने खुद पर विश्वास रखकर अपनी लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी क्यूंकि उन्हे पता था कि वे अपने जीवन में इससे भी बेहतर कर सकती हैं।
कौन है वह महिला ?
हम बात कर रहे हैं 30 वर्षीय शैली गर्ग (Shaily Garg) की, जो राजस्थान (Rajasthan) के अजमेर जिले के नसीराबाद कस्बे से ताल्लुक रखती हैं। इनके पिता का नाम मुकेश गर्ग है, जो नसीराबाद SBI बैंक में कैश ऑफिसर हैं तथा उनकी मां का नाम मधु गर्ग है, नसीराबाद की सरकारी बालिका स्कूल में एक व्याख्याता के रूप में काम करती हैं।
वहीं अगर शैली (Shaily Garg) के भाई की बात करे तो उनके भाई का नाम अभिनव गर्ग है, जो साउथ कोरिया में सैमसंग कंपनी में कंप्यूटर इंजीनियर हैं। उनके पति अभिषेक अग्रवाल कैलिफोर्निया में फेसबुक में कंप्यूटर इंजीनियर हैं।

कहां से पूरी की पढ़ाई?
शैली अपनी शुरुआती पढ़ाई नसीराबाद से पूरी करने के बाद में अजमेर के सेंट मेरी कॉन्वेट स्कूल में पढ़ने लगीं। उन्होंने छठीं से बारहवीं तक की पढ़ाई इसी स्कूल से पूरी की।
बता दें कि, इनके मां का सपना था कि बेटी पढ़ लिखकर एक डॉक्टर बने लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया क्यूंकि शैली का मैथ्स काफी अच्छा था तो उन्होंने इंजीनियरिंग करने का फैसला लिया। उन्होंने वर्ष 2015 में मुंबई से आईआईटी परीक्षा सिविल ब्रांच में पास किया।

खुद के स्टार्टअप शुरू करने के लिए छोड़ा, 40 लाख रुपए के सालाना पैकेज वाली नौकरी
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद सबसे पहले शैली ने मुंबई का रुख किया और इसके बाद सीएनजी चंडीगढ़ गई। लेकिन अंततः उन्होंने गुड़गांव में जॉब किया। यहां उनका सालाना पैकेज 40 लाख रुपए था। लेकिन साल 2020 में उन्होंने इस जॉब को छोड़ने का फैसला लिया ताकि वे खुद के स्टार्टअप की शुरुआत कर सकें।
नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने छोटे-छोटे देश के मैन्यूफ्रैक्चर्स को एक्सपोर्ट प्लेटफार्म उपलब्ध कराने का काम शुरू किया और इसी दौरान उनकी शादी नवम्बर 2020 में पटियाला निवासी अभिषेक अग्रवाल के साथ कैलिफोर्निया में सेटल हो गईं।
स्टार्ट किया खुद का स्टार्टअप
शैली (Shaili Garg) ने 40 लाख रुपए के सालाना पैकेज वाली नौकरी छोड़ खुद का स्टार्टअप शुरू किया। बता दें कि एक शादी शुदा औरत होने के बावजूद भी उन्होंने अपने काम को पूरी मेहनत के साथ किया और आज के समय में उन्हे फोर्ब्स एशिया की टॉप-30 सक्सेस फुल लोगों की लिस्ट में शामिल किया गया है। इतना हीं नहीं उन्होंने महज दो साल में कंपनी का टर्नओवर 100 से 110 करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया है तथा उनकी कंपनी में करीब 84 मेंबर हैं।
खुद की पहचान किया स्थापित
अपने लगन और मेहनत के बदौलत शैली (Shaili Garg) ने 100 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी और आज के समय में वे कंस्ट्रक्शन मटेरियल सप्लाई का काम कर रही है। वे अब देश की सबसे कामयाब हुई महिलाओं की सूची में भी शामिल हैं।
Business
VAISHALI: साल में चार जॉब, फिर शादी के 30वें दिन बहू BPSC में सफल, मिलिए ऑफिसर दुल्हन से!
VAISHALI: साल में चार जॉब, फिर शादी के 30वें दिन बहू को मिला BPSC, मिलिए ऑफिसर दुल्हन से!

सपने तो हर कोई देखता है, लेकिन ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो अपने सपनों को सच करते हैं। बिहार के हाजीपुर की रुचिला रानी उन लोगों में से हैं जिन्होंने न सिर्फ अधिकारी बनने का सपना देखा बल्कि आज उस सपने को भी पूरा किया है।
एक साल में चार सरकारी नौकरी की परीक्षा पास कर चुके रुचिला ने शादी एक महीने तक खत्म होते ही बीपीएससी पास कर जिले को फेमस कर दिया है, जिसके बाद से लोग अफसर की बेटी के ससुराल होने की बात कहने लगे हैं।
ग्रामीण परिवेश और मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाली रुचिला ने अपनी मेहनत और कठिन परिश्रम से ना सिर्फ एक साल में चार सरकारी नौकरी हासिल की बल्कि शादी के तीसवें दिन ही बीपीएससी की परीक्षा पास कर अधिकारी बन गई हैं, जिसके बाद उसके मायके से लेकर ससुराल तक जश्न का माहौल है. मायके में घरवलों के साथ-साथ गांव के लोग भी अपनी इलाके की बेटी की इस सफलता पर उत्साहित हैं तो पति को भी अपनी नई नवेली दुल्हन पर गर्व हो रहा है.

बीपीएससी की परीक्षा में 215वां रैंक पाने वाली रुचिला ने घर पर ही रहकर सेल्फ स्टडी से यह मुकाम हासिल की है. इसके पीछे उसके माता पिता का बहुत बड़ा योगदान है. पेशे से सरकारी शिक्षक उसके पिता ने पाई-पाई जोड़कर अपनी बेटी को पढ़ाया और समाज की परवाह किये बगैर अपनी बेटी को इतना काबिल बनाया कि आज बेटी के मायके से लेकर ससुराल तक उत्साह है.
रूचिला की मां ने अपनी बेटी को उन लोगो की नजरों से छिपाकर रखा जो लोग बेटियों को घर मे बिठाने पर ताना मारने का काम करते हैं, मां ने तो आज तक अपने पैरों में पायल तक नहीं पहना क्योंकि पायल की आवाज बेटी की पढ़ाई में खलल डाल सकता था लेकिन आज बेटी की सफलता की गूंज पूरे जिले में सुनाई दे रही है.
बीपीएससी पास करने और प्रोबेशनरी ऑफिसर बनने से पहले रुचिला ने फरवरी महीने में शराबबंदी विभाग में बिहार के शिक्षकों, बिहार पुलिस, रेलवे के इंस्पेक्टर की नौकरी में अपनी जगह बनाई थी, लेकिन आखिरकार सिविल सेवा में जाने का जुनून विकसित हो गया। उन्होंने बीपीएससी की परीक्षा दी, इसे भी पास किया।
Business
छत्तीसगढ़ मे ‘ग्रीन गोल्ड’ से किसान हुए अमीर, तीन महीने में ही लाखों रुपये का फायदा
छत्तीसगढ़ के ‘ग्रीन गोल्ड’ के तेंदूपत्ता किसान हैं अमीर, तीन महीने में ही लाखों रुपये का फायदा

क्या आप जानते है, छत्तीसगढ़ का हरा सोना किसे कहा जाता है? अगर नहीं तो हम आपको बता दें कि, तेंदूपत्ता को हीं यहां हरे सोने का नाम दिया जाता है क्योंकि इसकी बिजनेस से आप सोने चांदी के बराबर की कमाई कर सकते हैं। यहां के आदिवासी इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमाते है इसके अलावें इस खेती से सरकार को भी अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है।
आखिर क्यों है इतना महंगा हरा सोना?
बता दें कि, तेंदूपत्ता से बीड़ी तैयार होती है और उसे खरीदने के लिए लोग साउथ से छत्तीसगढ़ जाते है। जानकारी के मुताबिक, केवल इनकी तोड़ाई से आदिवासी लोगों को अच्छी कमाई प्राप्त हो जाती है।

गुणवता के वजह से है काफी डिमांड
तेंदूपत्ता के गुणवाता के वजह से ही। इनकी मार्केट में भारी डिमांड है। कहा जाता है कि, यह एक ऐसा कारोबार है कि अगर इसमें थोड़ा भी लापरवाही बरती जाए तो वो इसके गुणवत्ता को कम कर सकता है।
बता दें कि, यह आकार और अपने मोटापन की वजह से बीड़ी के लिए इस्तेमाल होते हैं और इसी कारण वश भी इसकी खूब डिमांड है।
तीन महीने तक 75 लाख लोगों को मिलता है रोजगार
द ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़े के अनुसार, तेंदूपत्ता से 75 लाख लोगों को तीन महीने तक रोजगार मिलता है और जब इन पत्तो से बीड़ी बनती है तो उस काम में भी करीबन 30 लाख लोगों को तो रोजगार मिलती हीं है।

अब राज्य सरकार भी दे रही है इस पर तवज्जो
पहले तेंदूपत्ता के संग्रहण करने वाले आदिवासियों की हालात बेहतर नहीं थे क्यूंकि उस दौरान तेंदूपत्ता के रेट भी कम थे लेकिन आज के समय में तो राज्य सरकार भी इसको तवज्जो देने लगी है।
रिपिर्ट्स के मुताबिक, वर्ष 2002 की बात करें तो उस समय प्रदेश में तेंदुपत्ता का मूल्य 400 रुपए प्रति मानक बोरा था लेकिन आज के समय में इसे बढ़ाकर 1500 रुपए बोरा कर दिया गया है। तथा आज के समय में इसका दाम चार हजार रुपए प्रति मानक बोरा है। अब इसकी दिन प्रतिदिन इतना रेट बढ़ रहा है कि, आदिवासियों के लिए यह बहुत खुशी की बात है क्योंकि रेट बढ़ने के साथ इनकी आमदनी भी बढ़ी है।
अप्रैल माह में होती है तेंदूपत्ते की तोड़ाई
बता दें कि, आदिवासी लोग अप्रैल माह में तेंदूपत्ते की तोड़ाई करते हैं। बता दें कि, एक बोरे में तेंदूपत्ते की एक हजार गड्डी होती है और हर गड्डी में 50 पत्ते होते हैं। इन पत्तों की गड्डियों को धूप में सुखाया जाता है और इससे बीड़ी बनाया जाता है।
विदेशों में भी है भारी मांग
आज के समय में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल जैसे देश के कई राज्यों में तेंदूपत्ते की खूब डिमांड है इसके साथ ही विदेशों जैसे अफगानिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे कई देशों में भी इसकी भारी मांग है।
-
Vaishali2 weeks ago
VAISHALI: कलयुग पुत्र-पुत्रवधू से परेशान, पटना से वैशाली पहुंची, फिर महिला ने गंडक में लगाई छलांग!
-
Vaishali2 weeks ago
HAJIPUR: जब शराब माफिया भारी पड़े पुरुष पुलिसकर्मियों पर, तो 15 जिलों की लेडी सिंघम ने कमान संभाली, 62 को गिरफ्तार किया
-
Vaishali2 weeks ago
HAJIPUR: ससुराल जा रहे दामाद की बोलेरो के ठोकर लगने से मौत, ससुर घायल
-
Vaishali2 weeks ago
HAJIPUR: नित्यानंद राय ने तेजस्वी यादव को खूब खरी-खोटी सुनाई, आरजेडी विधायक ने सुनी, फिर कुछ ऐसा ही हुआ.. वीडियो देखें
-
Vaishali2 weeks ago
वैशाली: आबकारी विभाग ने जिले में 20 जगहों पर मारा छापा
-
Vaishali2 weeks ago
VAISHALI: तेजप्रताप ने अब ऐलान किया है कि वह हसनपुर नहीं बल्कि महुआ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, अगर वह जीतते तो जिला बनाएंगे
-
Bihar7 days ago
बिहार में हुआ गज़ब का खेला! ट्रेन को समस्तीपुर जाना था लेकिन अमरनाथ एक्सप्रेस हाजीपुर रूट पर चल पड़ी
-
Vaishali1 week ago
VAISHALI: शर्ट उठाकर दिखा दिया पिस्टल, फिर 6 लाख कैश और बाइक लेकर फरार