
बालू-गिट्टी के दाम में अप्रत्याशित उछाल के बीच घर बनाना महंगा हो गया है। पखवारे भर में बालू और गिट्टी के दाम में 40 से 50 फीसदी तक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। करीब 5000 रुपए में मिलने वाला बालू करीब 7500 रुपए में मिल रहा है। वहीं गिट्टी की कीमत बढ़कर 13500 रुपए सीएफटी के करीब पहुंच गई है। पखवारेभर पहले यही टिक्टी 8500 रुपए सीएफटी मिल रही थी।
हाजीपुर में सोनपुर के सबलपुर या फिर अन्य रास्ते से कोइलवर और अरलव से बालू आता है। सरकारी स्तर पर बात करें तो वर्तमान में वैशाली जिले में बालू बेचने वाले तीन अनुज्ञप्ति धारी हैं। जहां बालू का स्टाक भी उपलब्ध है। लालगंज रोड पर कुछ लोग अवैध रूप से भी बालू का स्टॉक करके बेचते हैं।
निर्माण कार्य कराने वाले व्यक्ति बताते हैं कि बालू के ज्यादातर बिक्री बाहर से आने वाले गाड़ियों पर लदे बालू के जरिए ही हो जाती है। ये गाड़ियां अब इक्का-दुक्का ही चोरी-छिपे आ पा रही हैं। राज्य सरकार के निर्देश के बाद गंडक नदी सहित विभिन्न नदियों के घाटों पर बालू के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 31 मई के बाद से घाटों पर बालू का खनन नहीं हो रहा है। खनन विभाग और जिला प्रशासन इस पर पैनी नजर रख रहा है। बालू की कीमत बढ़ने के बाद भी बिक्री में कोई कमी नहीं आ रही है। बालू व्यवसाय से जुड़े व्यवसायी बताते हैं कि जैसे-जैसे रेट बढ़ रहा है। मांग भी बालू की बढ़ती जा रही है। बताते हैं कि बालू का रेट अधिक होने के चलते निर्माण कार्य कराने वाले बड़े ठेकेदार और आम लोग भी काम के हिसाब से बालू खरीदकर स्टॉक कर लेना चाहते हैं, ताकि उन्हें अधिक कीमत देने से बचना पड़े। इसके कारण भी अचानक से बालू की डिमांड बढ़ गई है।
उजला बालू मिलने में भी परेशानी
भवन निर्माण कार्य से जुड़े लोगों को उजला बालू भी नहीं मिल रहा है। कुछ लोग बताते हैं कि खनन विभाग की ओर से छापेमारी और रोक के कारण उजला बालू की कीमत भी काफी बढ़ गई है। खनन विभाग की कार्रवाई के डर से उजला बालू बिक्री के लिए धंधेबाज और वाहन चालक चोरी-छिपे ला रहे हैं।
इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी रागिनी कुमारी ने पूछने पर बताया कि जिले में वर्तमान में लाल बालू बेचने के लिए तीन अनुज्ञप्ति धारी हैं। जिनके पास लाल बालू का स्टॉक भी रहता है। गंगा और गंडक नदी के घाटों पर सरकार के निर्देशानुसार बालू के खनन पर रोक लगा दी गई है।
गांव में कुछ लोगों ने रुकवाया छत की ढलाई
पीएम आवास वाले लाभुकों को हो रही है ज्यादा परेशानी, पहले डीजल का दाम बढ़ने से महंगाई ने किया था परेशान
एक पखवारा में बालू, गिट्टी के दामों में कहीं डेढ़ा तो कहीं दोगुना वृद्धि होने से समान्य लोगों को घर बनाने में कठिनाईयों का सामना करना पर रहा है। अधिकतर लोगों ने जिन्होंने कुर्सी तक या छत ढलाई तक काम करा लिया है। उन्होंने आगे का काम रोक दिया है। वे बालू, गिट्टी के दाम के कम होने का इंतजार कर रहे हैं। बालू और गिट्टी का दाम बढ़ने से सबसे अधिक परेशानी प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को हो रही हैं।
लाभुकों ने बताया कि पहले डीजल का दाम बढ़ने से छड़, सीमेंट, बालू, गिट्टी, ईंट का दाम बढ़ा। एक पखवारा पहले सरकार ने डीजल के दाम घटाया, तो उम्मीद बढ़ी कि गृह निर्माण सामग्री का दाम कुछ घटेगा पर उल्टा ही हो गया। दाम बढ़ने से सामान की मात्रा भी कम मिल रही है। ट्रैक्टर से बालू, गिट्टी बेचने वाले 100 सीएफटी का दाम लेते हैं और ट्रैक्टर पर रहता हैं 80 सीएफटी।
लालगंज में नहीं है कोई बालू-गिट्टी का स्टॉकिस्ट
लालगंज में बालू- गिट्टी के दर्जनों विक्रेता हैं, पर कोई वैध स्टॉकिस्ट नहीं है। दुकानदार हो अन्य विक्रेता सब ट्रक से दो चार ट्रक मंगवाते हैं और बेचते हैं। बालू, गिट्टी विक्रेता दुकानदारों ने बताया कि बालू का खदान बंद होने से बालू का दाम बढ़ा है। मई के पहले सप्ताह में 4500 रुपए ट्रैक्टर बालू बिक रहा था, जो अभी 7000 रुपए ट्रैक्टर है। वहीं आईएस पूजा सिंघल मामले के कारण झारखण्ड में चल रहे अवैध क्रशर बंद हो गए हैं। जिसके कारण गिट्टी के दाम में भी अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है।
📣 Vaishali Se Hai is now available on Facebook & FB Group, Instagram, and Google News. Get the more latest news & stories updates, also you can join us for WhatsApp broadcast … to get updated!