समय पर मानसून आने के बाद भी लगातार एक सप्ताह से बारिश न होने से किसानों में मायूसी है।
प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने उन्नत किस्म के धान के बीजों को ऊंचे दामों पर खरीदकर अपने खेतों को नष्ट कर दिया, लेकिन अब बिना पानी के खेतों में गिरी मिट्टी सूखने के कगार पर है और खेतों में दरार आ गई है। Also Read: ऐश्वर्या- सनी देओल ने इस फिल्म के लिए दिए थे कई बोल्ड सीन्स, इस वजह से हुई रिलीज
किसान बारिश होने की आस में आकाश की ओर टकटकी लगाकर देख रहे हैं। बारिश नहीं होने से किसानों की नींद उड़ गई है। किसान बिचड़ा को बचाने में जद्दोजहद कर रहे हैं। पंपिंग सेट चलाकर किसी तरह से किसान अपने बिचड़ा को जिंदा रखे हुए हैं।
प्रखंड क्षेत्र में लगभग 20 से 25 टन धान के बीज की बिक्री होती थी, लेकिन अभी तक 10 टन से ऊपर का धान का बीज किसान खरीद सके हैं। किसान संजय कुमार, विश्वनाथ सिंह, सकलदीप सिंह, हरिहर राय, प्रदीप सिंह, जगदीश राय, रमेश राय, ब्रजकिशोर सिंह, अशर्फी सिंह, अरविंद सिंह के अलावा अन्य किसानों का कहना है कि क्षेत्र के सभी नलकूप खराब पड़े हुए हैं और नहर में पानी नहीं है।
इसके साथ ही वर्षा भी नहीं हो रही है। जिसके कारण खेतों में गिराए गए धान का बिचड़े सूख रहे हैं। किसानों ने बताया कि ऊंची कीमतों पर धान का बीज खरीदकर बिचड़ा गिराया गया है। पानी के बिना उसे बचाना मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही कहा कि अगर दो -चार दिन बीच करके पानी हो तो धान के लिए अच्छी होगी।